लड़की को प्रपोज़ कैसे करें – 10 शायरी
शायरी 1:
तेरी आँखों में मिला मैं अपना आसमां,
तेरी हँसी ने दे दी मुझे अब ज़िंदगी की पहचान।
अब ये लब्ज़ ही पूछने को कर रहे हैं मजबूर—
क्या तू बनेगी मेरी रूह की हमसफ़र, मेरी जान?
शायरी 2:
चाँदनी रात में जब तू मुस्कुराए,
हर सितारा भी मेरे इश्क़ की दास्ताँ गाए।
अब ये दिल बस सवाल यही दोहराए—
क्या तू मेरे साथ इस सफ़र का हिस्सा बनोगी?
शायरी 3:
तेरे कदमों की आहट ने दिल को जगाया है,
तेरे सुरमई नयनों ने ख्वाब सजाया है।
अब बस एक “हाँ” का इंतज़ार है मुझको—
क्या तू मेरी ज़िंदगी बनेगी?
शायरी 4:
तेरी मीठी बातों में बसती है मेरी खुशियाँ,
तेरे साथ बँधे हर लम्हे में सुकून-ए-जिंदगियाँ।
अब दिल कह रहा है बड़ी हिम्मत से—
क्या तू बनोगी मेरे प्यार की मंज़िल?
शायरी 5:
तेरा हाथ थामूँ तो लगे खुदा भी मुस्कुरा रहा,
तेरी सादगी ने मेरा हर ग़म भुला दिया।
अब शब्द कम पड़ते हैं एहसास बयान करने में—
क्या तू मेरे सपनों का सच बनकर आएगी?
शायरी 6:
तेरी ख़ामोशी में भी गूँजता है इश्क़ का सुर,
तेरी एक नज़र ने लिख दी दिल की नई खबर।
अब लब्ज़ों से नहीं, आंखों से पूछना चाहता हूँ—
क्या तू मेरे दिल की धड़कन बनेगी?
शायरी 7:
तेरे प्यार की खुशबू से महक गई मेरी रूह,
तेरे बिना सूना-सा लगता है मेरा हर फूल।
अब मेरे जज़्बात बस तुझसे हैं जुड़े,
क्या तू मेरी राहों में रोशनी बनेगी?
शायरी 8:
तेरी आवाज़ की मिठास मेरे जीने की वजह,
तेरी हर अदा पर ये दिल कुर्बान हो जाए।
अब शब्द कम पड़ जाते हैं इश्क़ बयां करने में,
क्या तू मेरे इश्क़ की हर बात समझेगी?
शायरी 9:
तेरे साथ की चाहत आग-ओ-आफ़ताब सी,
तेरे बिना हर रात सुनी पहरात सी।
अब मेरे दिल ने तुझसे कर ली है दास्तां,
क्या तू मेरी मोहब्बत की कहानी लिखेगी?
शायरी 10:
तेरा साथ मेरी हर सुबह को कविता बना दे,
तेरा एहसास मेरी हर रात को दुआ बना दे।
अब मेरे लब्ज़ खामोश नहीं रहना चाहते—
क्या तू मेरे ख्वाबों में सच्चा प्यार बनकर आएगी?
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